पंचमी सोमवार २०६९ , मुझे अपने बाउजी और मामा के आशीर्वाद से दो बहुत ही विनम्र और प्रसिद्ध व्यक्तियों से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ । डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम जी और डॉक्टर अनिल गुप्ता जी से मिलकर मन में नया उत्साह जागृत हुआ । मैंने ऊपर प्रेषित चित्र अब्दुल कलाम जी को भेंट की थी । मेरे छोटे भाई बिल्लू ने जैसे तैसे भीड़ में से फोटो खीचकर उस क्षण को कैद किया :) ।
HURRY !!!
YOU DESERVE A AWESOME PORTRAIT !!
Introducing Parag Arts. Get a wonderful portrait of yourself or for your loved ones by me :) . A perfect gift to present someone which t...
Friday, December 21, 2012
Friday, November 30, 2012
श्री राजीव दीक्षित जी
स्वदेशी दिवस पर अपना समर्थन और उर्जा प्रकट करते हुए मैं राजीव जी को उनकी पुण्य तिथि पर
श्रधान्जली समर्पित करता हूँ ।
राजीव जी ने प्राचीन भारतीय संस्कृति को नवीन भारतियों के समक्ष लाने में एक बहुत बड़ा योगदान दिया है । उन्होंने यह पुनः सिद्ध किया है की हमारी संस्कृति प्राचीन ही नहीं अपितु सनातन और सर्वोच्च है ।राजीव जी अनुसन्धान पश्चात हमें सदैव प्राचीन भारत के रहन- सहन को अपनाने के लिए प्रेरित करते रहे ।
उन्होंने भारत के राजनेतिक नित्यों पर भी शोध किया और काला धन , अंग्रेजी शिखा , अंग्रेजो से चले आ रही समविधानिक नित्याँ एवं विदेशी व्यापारियों की लूट को भारतियों के सामने उजागर किया ।
अतः भारत माँ को आर्थिक और सांस्कृतिक संकट से बचाने के लिए हमे स्वदेशी व्रत का पालन करना होगा और अपनी संस्कृति की और जाना होगा ।
"जय माँ भारती "
राजीव जी के विचार जानने के लिए -- http://www.rajivdixit.com/
Saturday, October 20, 2012
Sunday, October 7, 2012
गौ
|| श्री गोभ्यः नमः ||
गाय पृथ्वी की सर्वश्रेष्ठ प्राणी है जो किसी भी खाद्य वस्तु को अमृत में परिवर्तित करती है ।
गोबर , दूध और गौमूत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से वह वायु और उर्जा शुद्ध करती है ।बैलों की सुगंद मात्र से कई रोगों का क्षय होता है । अतः इसका स्थान मनुष्यों से भी उपर है ।
प्राचीन भारत की धर्म और अर्थ व्यवस्था गौ पर ही निर्भर थी । घरों में फर्श लेपने और खाना पकाने से लेकर औषधियों और कृषि भूमि से लेकर वाहन के रूप में गौ की भूमिका सर्वोपरि रही है । गौ पालन एवं सेवा व्यर्थ के भोगो से बचाती है और संतुष्ठता प्रदान करती है जिससे गौ पालक चरित्रवान और सेवानिष्ट होता है अतः वह समाज के प्रति जागरूक और सही मार्ग को प्रकाशित करने वाला होता है अतः गौ धर्म अर्थ काम मोक्षदायिनी है ।
आधुनिक स्थिति में मानव गौ को ही भूल चुका है । प्रत्यक्ष देवता को न पूज के मूर्तियों और ढोंग में फंसा है । यह जानना आवश्यक है प्रकृति में उपलब्ध वस्तुएं ही वास्तविक देवता (वृक्ष , जलाशय , मेघ , पर्वत , प्राणी , पंचभूत , उर्जा एवं गौ ) है। इन कृतियों का शोषण और मलीन करना प्राकर्तिक आपदाओं को निमंत्रण देना है ।
भारत का प्रत्येक नागरिक अगर गौ प्रेमी हो और वह अपना कुछ समय और आय का भाग गौ वर्धन में नियोजित करे तो इस देश का और उस गौ प्रेमी का उठान सुनिश्चित है ।
"यह सारी पृथ्वी गौधरा(गौ के रहेने और चरने का स्थान) है "
"आप गाय को कोई नहीं पालते अपितु गाय आपको पालती है "
" प्रकृति में सभी समस्यों का निवारण करने में केवल गौ ही समर्थ है "
|| वन्दे धेनुमातरम् ||
Wednesday, August 1, 2012
Wednesday, April 25, 2012
Sunday, March 4, 2012
Tuesday, February 14, 2012
Thursday, January 19, 2012
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