स्वदेशी दिवस पर अपना समर्थन और उर्जा प्रकट करते हुए मैं राजीव जी को उनकी पुण्य तिथि पर
श्रधान्जली समर्पित करता हूँ ।
राजीव जी ने प्राचीन भारतीय संस्कृति को नवीन भारतियों के समक्ष लाने में एक बहुत बड़ा योगदान दिया है । उन्होंने यह पुनः सिद्ध किया है की हमारी संस्कृति प्राचीन ही नहीं अपितु सनातन और सर्वोच्च है ।राजीव जी अनुसन्धान पश्चात हमें सदैव प्राचीन भारत के रहन- सहन को अपनाने के लिए प्रेरित करते रहे ।
उन्होंने भारत के राजनेतिक नित्यों पर भी शोध किया और काला धन , अंग्रेजी शिखा , अंग्रेजो से चले आ रही समविधानिक नित्याँ एवं विदेशी व्यापारियों की लूट को भारतियों के सामने उजागर किया ।
अतः भारत माँ को आर्थिक और सांस्कृतिक संकट से बचाने के लिए हमे स्वदेशी व्रत का पालन करना होगा और अपनी संस्कृति की और जाना होगा ।
"जय माँ भारती "
राजीव जी के विचार जानने के लिए -- http://www.rajivdixit.com/
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